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Monday 12 December 2011

                                   शायरी और सिर्फ शायरी

















हिचकियों से एक बात का पता चलता है,

कि कोई हमे याद तो करता है,

बात न करे तो क्या हुआ,

कोई आज भी हम पर कुछ लम्हे बरबाद तो करता है



ज़िंदगी हमेशा पाने के लिए नही होती,

हर बात समझाने के लिए नही होती,

याद तो अक्सर आती है आप की,

लकिन हर याद जताने के लिए नही होती



महफिल न सही तन्हाई तो मिलती है,

मिलन न सही जुदाई तो मिलती है,

कौन कहता है मोहब्बत में कुछ नही मिलता,

वफ़ा न सही बेवफाई तो मिलती है



कितनी जल्दी ये मुलाक़ात गुज़र जाती है

प्यास भुजती नही बरसात गुज़र जाती है

अपनी यादों से कह दो कि यहाँ न आया करे

नींद आती नही और रात गुज़र जाती है



उमर की राह मे रस्ते बदल जाते हैं,

वक्त की आंधी में इन्सान बदल जाते हैं,

सोचते हैं तुम्हें इतना याद न करें,

लेकिन आंखें बंद करते ही इरादे बदल जाते हैं



कभी कभी दिल उदास होता है

हल्का हल्का सा आँखों को एहसास होता है

छलकती है मेरी भी आँखों से नमी

जब तुम्हारे दूर होने का एहसास होता है

 झा संगीत

 

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